परम पूज्य प्रेमानंद माहाराज जी का जन्म कानपुर के एक गांव सरसौल में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. महाराज जी का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था.
शुरुआती जीवन
मात्रा 13 साल की आयु में महाराज जी ने अपना घर छोड़ कर बनारस आ गए थे. इनके प्रथम गुरु जी का नाम श्री गौरंगी शरण जी महाराज है.
कैसे आये वृन्दावन?
बनारस घाट पे अपना काफी समय भगवन शिव को याद करते हुए निकला, शिव जी की कृपा से इन्हे वृन्दावन जाने अनुभूति हुई. और वो वृन्दावन आ गए.
श्री राधा जी की भक्ति कैसे मिली?
वृन्दावन में इन्हे इनके वर्तमान गुरु श्री राधा वल्लभ संप्रदाय से श्री हित मोहित मारल जी से गुरु दीक्षा प्राप्त हुई. और ये भक्ति मार्ग पे निकल पड़े.
क्या आप जानते हैं?
महाराज जी की दोनों किडनी ख़राब हो गयी है. फिर भी पिछले कई सालो से महाराज जी श्री राधा जी की कृपा से उनकी भक्ति में समर्पित हैं.
विराट कोहली वृन्दवन क्यों गए?
देश के सबसे बड़े क्रिकेट भी इन्हे अपना गुरु मानते हैं. हाल ही में विराट खोहली अपनी वाइफ अनुष्का शर्मा के साथ महाराज जी से मिलने गए थे.
श्री लाड़ली जू की परम भक्ति
श्री राधा रानी के परम भक्तों में से श्री प्रेमानंद महाराज जी का नाम एक हैं. जो भक्त इनके सतसंग को मन लगाकर सुनता है उन्हें राधारानी के दर्शन अवश्य ही हो जाते हैं.